सोमवार, 19 मई 2025

Alternative therapy for Thyroid .

वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली में थायराइड (हाइपोथायराइड या हाइपरथायराइड) के उपचार के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाया जाता है, जिसमें आहार, जीवनशैली, जड़ी-बूटियाँ और योग शामिल हैं। थायराइड की समस्या को दोष (वात, पित्त, कफ) के असंतुलन से जोड़ा जाता है, और उपचार का उद्देश्य इस संतुलन को बहाल करना है। 
नीचे कुछ वैकल्पिक चिकित्सा के उपाय दिए गए हैं।

 1. आहार (Diet)
- हाइपोथायराइड (कम सक्रिय थायराइड):
  - आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ: समुद्री शैवाल, नारियल तेल, और आयोडीन युक्त नमक सीमित मात्रा में।
  - गर्म और हल्के खाद्य पदार्थ: सूप, अदरक, लहसुन, और मसाले जैसे जीरा, हल्दी, और काली मिर्च।
  - ताजा फल और सब्जियाँ: पालक, गाजर, और हरी सब्जियाँ।
  - प्रोटीन: दाल, मूंग, और अंडे (यदि शाकाहारी नहीं हैं)।
  - बचें: गोभी, ब्रोकली, फूलगोभी, और सोया जैसे गोजिट्रोजेनिक खाद्य पदार्थ, जो थायराइड के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं। मैदा, चीनी, और भारी तैलीय भोजन से बचें।
  
- हाइपरथायराइड (अति सक्रिय थायराइड):
  - ठंडे और पौष्टिक खाद्य पदार्थ: दूध, घी, नारियल पानी, और खीरा।
  - फाइबर युक्त आहार: साबुत अनाज, ओट्स, और हरी सब्जियाँ।
  - बचें: मसालेदार भोजन, कैफीन, और आयोडीन की अधिकता वाले खाद्य पदार्थ।

 2. जड़ी-बूटियाँ (Herbs)
- अश्वगंधा: तनाव कम करने और थायराइड हार्मोन को संतुलित करने में मददगार। (हाइपोथायराइड के लिए)
- गुग्गुल: चयापचय को बढ़ावा देता है और थायराइड ग्रंथि को समर्थन देता है। (हाइपोथायराइड के लिए)
- कांचनार: थायराइड नोड्यूल्स और सून को कम करने में उपयोगी।
- ब्राह्मी और शंखपुष्पी: तनाव और चिंता को कम करके हाइपरथायराइड में मदद करते हैं।
- त्रिफला: शरीर को डिटॉक्स करने और पाचन को बेहतर बनाने में सहायक।

उपयोग: इन जड़ी-बूटियों का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर चूर्ण, काढ़ा, या गोली के रूप में करें।

 3. जीवनशैली (Lifestyle)
- नियमित दिनचर्या: सुबह जल्दी उठें, हल्का व्यायाम करें, और समय पर भोजन करें।
- तनाव प्रबंधन: ध्यान, प्राणायाम (जैसे अनुलोम-विलोम, भ्रामरी), और योग तनाव को कम करते हैं, जो थायराइड के लिए जरूरी है।
- पर्याप्त नींद: रात को 7-8 घंटे की नींद लें।
- गर्म तेल मालिश (अभ्यंग): तिल के तेल से मालिश वात दोष को संतुलित करती है..

4. योग और प्राणायाम
- हाइपोथायराइड के लिए योग:
  - सर्वांगासन (Shoulder Stand): थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है।
  - मत्स्यासन (Fish Pose): गले की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
  - सूर्य नमस्कार: चयापचय को बढ़ाता है।
- हाइपरथायराइड के लिए योग:
  - शीतली और शीतकारी प्राणायाम: शरीर को ठंडक देते हैं।
  - शवासन: तनाव और चिंता को कम करता है।
- प्राणायाम: उज्जायी और अनुलोम-विलोम थायराइड को संतुलित करने में मदद करते हैं।

 5. पंचकर्मा
- आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में पंचकर्मा थेरेपी (विशेष रूप से वमन, विरेचन, और बस्ति) शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालकर थायराइड को संतुलित करने में मदद करती है।

 6. सावधानियाँ
- थायराइड की स्थिति गंभीर होने पर आयुर्वेदिक उपचार को एलोपैथिक दवाओं के साथ समन्वय करें। 
- कोई भी जड़ी-बूटी या उपाय शुरू करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें, क्योंकि हर व्यक्ति का शरीर और दोष अलग होता है।
- नियमित रूप से थायराइड फंक्शन टेस्ट (TSH, T3, T4) करवाएँ।

इन उपायों को अपनाने से थायराइड के लक्षणों में सुधार हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक लाभ के लिए धैर्य और निरंतरता जरूरी है।

Alternative therapy for thyroid.

धन्यवाद 
शुभम कुमार सिंह